खुले आम उड़ रही नियमों की धज्जियाँ, शहर में दौड़ रही प्राइवेट नम्बर की एम्बुलेंस

खुले आम उड़ रही नियमों की धज्जियाँ, शहर में दौड़ रही प्राइवेट नम्बर की एम्बुलेंस

Ambulances with Private Numbers

Ambulances with Private Numbers

चंडीगढ़ / खुशविंदर धालीवाल 3 जून: Ambulances with Private Numbers: स्मार्ट सिटी चंडीगढ़ शहर जो  ट्रॉय सिटी ( पंचकूला हरियाणा व मोहाली पंजाब सम्मिलित कर ) के नाम से भी जाना जाता है आज कल क्वार्ड सिटी के नाम से पुकारा जाने लगा है l हर क्षेत्र में उन्नत व विकसित इस शहर में इन दिनों प्राइवेट नंबर प्लेट वाली एंबुलेंस सड़कों पर दौड़ रही हैं. शहर के सरकारी अस्पतालों के बाहर भी इन प्राइवेट एंबुलेंस संचालकों का बोलबाला है, जो लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे मनमाफिक पैसे वसूल रहे हैं. परिवहन विभाग और पुलिस प्रशासन अभी भी अनजान बना हुआ है l तिमारदारों का कहना है कि इस तरीके से सेवा संचालन करने का सीधा मतलब है कि अस्पताल और एंबुलेंस सेवा देने वाली कंपनी मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रही है. नियमानुसार प्राइवेट नंबर से संचालित एंबुलेंस वाहन अगर हादसे का शिकार होती है तो मरीज और तीमारदार को कोई भी क्लेम नहीं मिलता है. यही नहीं इन वाहन चालकों की लापरवाही के चलते पूर्व में कई हादसे भी हो चुके हैं. परिवहन विभाग और पुलिस विभाग ये सभी होता देख भी अनजान बने हुए हैं l

 क्या  कहना है परिवहन विभाग का 

इस पूरे मामले में परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मोटर व्हीकल एक्ट अनुसार प्राइवेट नंबर पर एम्बुलेंस नहीं चलाई जा सकती ना ही रजिस्ट्रेशन हो सकती है ऐसे में वाहन मालिक वाहन को प्राइवेट नंबर पर रजिस्टर्ड करवा कर यदि एम्बुलेंस में प्रवर्तित करता है तो उसकी अपनी जिम्मेदारी है विभाग ऐसे कांनून तोड़ने वालों पर नज़र बनाए हुए है समय समय पर इनके चालान किए जाते है विभाग द्वारा किसी भी प्राइवेट व्हीकल को एम्बुलेंस वाहन का नंबर आवंटन नहीं किया जाता है। जो भी अस्पताल या एंबुलेंस सेवा संचालक प्राइवेट नंबर के वाहन से एंबुलेंस सेवा का संचालन करते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Ambulances with Private Numbers

 इन्शुरन्स कंपनी की राय 

वहीं इस मामले में ज़ब अलग अलग इन्शुरन्स कंपनीज से इस मामले में बात की गई तो न्यू इंडिया इन्शुरन्स के अधिकारियों का कहना है कि मिस्लेनियस डी व्हीकल केटेगरी में प्राइवेट वाहन को एम्बुलेंस केटेगरी में इन्शुरन्स देने में कंपनी को कोई एतराज नहीं सारा काम गाइड लाइन्स अनुसार किया जाता है लेकिन बेसिक एम्बुलेंस में एम्बुलेंस प्रोवाइडर कंपनी या मालिक द्वारा बुनियादी सेवाएं जैसे हार्टबीट, पल्स और ब्लड प्रेशर चेक करने का मॉनिटर. ऐसी एम्बुलेंस में सलाइन स्टैंड, ऑक्सीजन सिलिंडर और मास्क आदि मुहैया करवाना आवश्यक हैं जो सांस की समस्या वाले रोगियों के काम आ सकते हैं l

 स्वस्थ विभाग के ट्रांसपोर्ट ऑफिसर को भी पता नहीं 

सबसे गौरतलब बात ये है कि चंडीगढ़ स्वस्थ विभाग की एम्बुलेंस गाड़िया भी इसी दौड़ में है और तो और सवस्थ विभाग की एम्बुलेंस की इन्शुरन्स ही नहीं हो रखी और इस बात से सवस्थ विभाग के ट्रांसपोर्ट ऑफिसर बिलकुल अनजान है कि उनके विभाग की एम्बुलेंस प्राइवेट नंबर पर रजिस्टर्ड है और उनका कोई इन्शुरन्स नहीं हुआ l

 टेम्परेरी नम्बर पर दौड़ रही एम्बुलेंस शहर में 

मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल सेक्टर 32, जनरल हॉस्पिटल सेक्टर 16,सिविल हॉस्पिटल सेक्टर 22 व मनीमाजरा, पी जी आई हर हस्पताल के बाहर ऐसे वाहन मिल जायेंगे जिन पर अभी टेम्परेरी नंबर लगा है और धड़ल्ले से अपना कारोबार कर रही है